मादक द्रव्य और युवा पीढ़ी

आज हमारा समाज बहुत व्यस्त हो गया है | माँ और पिता के पास बच्चों को देने के लिए पर्याप्त समय नहीं हैं | इस वजह से बच्चों को सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता | वे कई बार गलत राह पकड़ लेते हैं | मादक पदार्थों का सेवन भी उनमें से एक है | पिछले कई दशकों में मादक पदार्थों का प्रयोग युवाओं के बीच लगातार बढ़ा है | इस व्यसन ने आज की युवा पीढ़ी की कमर तोड़ दी है |

ज्यादातर युवक मादक पदार्थों का सेवन शौक तथा फैशन के लिए शुरू करते हैं पर धीरे-धीरे उन्हें कब इसकी आदत लग जाती है, पता भी नहीं चलता | उन का शरीर और दिमाग उस मादक पदार्थ पर निर्भर हो जाता है | मादक पदार्थों के सेवन के बिना उन्हें कुछ भी अच्छा नहीं लगता | यदि उनका सेवन नहीं करे तो शरीर में दर्द, बेचैनी और तरह-तरह की बीमारियाँ शुरू हो जाती हैं | यकृत, गुर्दों और ह्रदय पर इन मादक द्रव्यों के प्रयोग का बुरा प्रभाव पड़ता है | एक बार आदत लग जाए तो बिना मादक पदार्थों के सेवन के जी नहीं सकते और उनका सेवन मौत की तरफ धकेलता जाता है |

आज की युवा पीढ़ी को कई कारणों से इन मादक पदार्थों की लत लगती है | कई युवा तनाव के समय में इनका सेवन करना शुरू करते हैं तो कुछ दोस्तों की देखा-देखी शुरू करते हैं | कुछ लोग दवाई के रूप में तो कुछ लोग नींद आने के लिए इनका प्रयोग शुरू करते हैं | कुछ नशे के शौक के कारण करते हैं तो कुछ बस फैशन के लिए करते हैं | महँगा नशा अपनी संपन्नता दिखाने का जरिया बन गया है | इसके कारण हमारे समाज को अपरिमित नुकसान हुआ है |

विद्यालयों और कॉलेजों के कई विद्यार्थी इन मादक पदार्थों के नशे की गिरफ्त में हैं | वो इसके इतने आदि हो चुके हैं कि अब इसे छोड़ नहीं सकते | ये मादक पदार्थ बहुत महँगे भी आते हैं | विद्यार्थियों के पास कई बार इन्हें खरीदने के लिए पैसा नहीं होता | ऐसे में वे अपराध की तरफ मुड़ते हैं | किसी भी तरीके से नशे के लिए पैसा कमाना उनका उद्देश्य बन जाता है | भारत के कई राज्य इसके गिरफ्त में चुके हैं पर सबसे ज्यादा प्रभावित पंजाब हुआ है | पंजाब एक कई जिलों में तो लगभग ७०% युवा इन मदाक पदार्थों के आदि हो चुके हैं | देश की सेना को सबसे ज्यादा जवान देनेवाला पंजाब आज स्वयं खोखला हो चुका है | वर्ष २०१५ पहला ऐसा वर्ष है जब देश की सेना में सबसे ज्यादा भरती होनेवाले पंजाब से नहीं है | इसका एक बड़ा कारण मादक पदार्थों के सेवन के कारण युवाओं का कमजोर होना माना जा रहा है | महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के युवा भी इस व्यसन की चपेट में बड़े पैमाने पर आ चुके हैं |

आज हम सब की यह जिम्मेदारी बन गई है कि युवा पीढ़ी को मादक पदार्थों के व्यसन से निकाले | इसमे सरकार और समाज दोनों का योगदान आवश्यक है | सरकार को मादक पदार्थों की तस्करी कर बेचनेवालों पर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए | जिन विदेशी रास्तों से होकर यह मादक पदार्थ भारत आते हैं, उन पर कड़ी दृष्टी रखनी होगी | सरकारी यंत्रणा का इस समस्या के समाधान में बड़ा योगदान आवश्यक है | विद्यालयों और कॉलेजों द्वारा समय-समय पर विद्यार्थिओं को मादक द्रव्यों के सेवन से होनेवाले खतरों को बताना चाहिए |

सबसे बड़ी जिम्मेदारी बनती है माता-पिता की | यह बहुत आवश्यक है कि माता-पिता बच्चों को समय दे और सही मार्गदर्शन दे | जिससे उन्हें ये बुरी लत लगे ही नहीं | युवा वर्ग ही देश का निर्माण करता है | हमें हर हाल में इसे बचाना है | नशामुक्त समाज हमारी जिम्मेदारी है | हमें इसके लिए समाज में जागृति लाना होगा तभी स्वस्थ और समृद्ध भारत का सपना वास्तव में साकार होगा |

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