गुलेल का गुल

क) इसके लिए मैंने वहाँ एक बहुत ही जबरदस्त गुलेल बनाई।
1) परीक्षाफल आने के बाद लेखक रहने के लिए कहाँ गया?
उत्तर: परीक्षा फल आने के बाद लेखक अपनी मां और बहन के साथ राजस्थान में टोंक जिले के देवली नामक स्थान गया, जहां केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का ट्रेनिंग सेंटर है।

2) जीवन में रोमांच बने रहने के लिए लेखक ने क्या इंतजाम किया?
उत्तर: नई जगह गए लेखक के ज्यादा दोस्त नहीं बन पाए थे। इसलिए जीवन में भरपूर रोमांच बनाए रखने के लिए उसने एक बहुत ही जबरदस्त गुलेल बनाई।

3) लेखक ने गुलेल कैसे बनाई थी?
उत्तर: लेखक ने साइकिल की ट्यूब से काटे गए रबड़ से एक गुलेल बनाई थी, जो बहुत ही तगड़ी थी।

4) लेखक के बने गुलेल की क्या खासियत थी?
उत्तर: लेखक की बनाई गुलेल इतनी तगड़ी थी कि उससे आसमान की ओर कोई पत्थर छोड़ा जाए तो वह अदृश्य हो जाने तक की ऊंचाई पर पहुँचकर ही वापस लौटता।

ख) इसलिए पहले मैं अपनी दोनों जेबों को इस्तेमाल किए जाने लायक पत्थरों से भर लेता था।
1) गुलेल बनाने के बाद लेखक के जीवन से बोरियत कैसे गायब हो गई?
उत्तर: गुलेल बनाने के बाद, जब भी बोरियत सर उठानी शुरू होती, लेखक गुलेल लेकर बाहर निकल जाता था।

2) चार बजे से पहले मां लेखक को बाहर क्यों नहीं निकलने देती थी?
उत्तर: चार बजे से पहले मां लेखक को बाहर नहीं निकलने देती थी क्योंकि बाहर बहुत ज्यादा गर्मी थी।

3) लेखक अपनी जेबों को पत्थरों से क्यों भर लेता था?
उत्तर: लेखक को गुलेल के लायक पत्थर ढूँढने में कुछ समय लगाना पड़ता था क्योंकि वह बहुत इत्मीनान से गुलेल से निशाना आजमाने का खेल खेलना चाहता था। इसलिए वह अपनी दोनों जेबों को इस्तेमाल किए जाने लायक पत्थरों से भर लेता था।

4) लेखक किन चीजों पर अपनी गुलेल से निशाना लगाता था?
उत्तर: लेखक के घर के बाहर बिजली के तारों और पीपल के बड़े-बड़े पेड़ की शाखाओं पर कबूतर और अन्य चिड़िया बैठी रहती थीं। लेखक उन पर निशाना लगाया करता था।

ग) पहली बार मेरा निशाना सही लगा क्योंकि मैंने देखा कि पत्थर लगते ही एक तोता नीचे गिरा।
1) तोतों का दल कहाँ जाकर बैठा?
उत्तर: जहाँ से लेखक खड़े होकर निशाना लगा रहा था, वहाँ से 50 मीटर दूर एक पीपल का पेड़ था जहाँ तोतों का दल जाकर बैठा।

2) लेखक ने तोते पर निशाना कैसे लगाया?
उत्तर: लेखक पीपल के पेड़ के नजदीक गया, वहाँ उसने गुलेल पर एक पत्थर चढ़ाया और नाक तक रबर खींच कर पेड़ की ओर चला दिया। पहली बार उसका निशाना सही लगा और एक तोता पत्थर लगने से नीचे गिर पड़ा।

3) चोट लगने के बाद तोते की क्या हालत हुई ?
उत्तर: चोट लगते ही तोता पेड़ से नीचे गिर पड़ा। वह बहुत तेज सांस ले रहा था और उसका शरीर बहुत गर्म था। पत्थर की लगी चोट से कुछ समय बाद उसकी मृत्यु हो गई।

4)लेखक ने गुलेल को मिट्टी में क्यों दफ़न कर दिया?
उत्तर: लेखक को गुलेल से पक्षियों पर निशाना लगाने का शौक था। जब पहली बार लेखक का निशाना सही लगा तो एक तोते की मौत हो गई। उसकी मृत्यु से लेखक को समझ आ गया कि उससे बहुत बड़ा पाप हो गया है और ईश्वर उसे इस बात की सजा जरूर देगा। इसलिए उसने मन में निश्चय किया कि वह दोबारा कभी गुलेल से पक्षियों पर निशाना नहीं लगाएगा और उसने अपनी गुलेल को वहीं तोते के साथ दफन कर दिया।

५) तोते की मृत्यु के बाद लेखक ने उसका क्या किया ?
उत्तर: तोते की मृत्यु के बाद लेखक ने पेड़ के तने के पास मिटटी खोदी और भारी मन से तोते की आत्मा को शांति देने की प्रार्थना करते हुए उसे वहीं दफना दिया।

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